Zomato Q3 Results 2025: फूड डिलीवरी की अग्रणी कंपनी जोमैटो ने वित्त वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही के लिए अपने कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 57% की गिरावट दर्ज की है। कंपनी का यह प्रॉफिट 59 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 138 करोड़ रुपये था। हालांकि, Zomato December quarter results के अनुसार, कंपनी ने अपने ऑपरेशंस से राजस्व में 64% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है। यह इस तिमाही में 5,405 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 3,288 करोड़ रुपये था।
Zomato Q3 Results 2025: कंपनी की नेट प्रॉफिट में गिरावट
Zomato FY25 Q3 के आंकड़ों के अनुसार, जोमैटो ने तिमाही दर तिमाही (Q-o-Q) के आधार पर अपने नेट प्रॉफिट में 66% की गिरावट दर्ज की है। वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (Q2FY25) में कंपनी का प्रॉफिट 176 करोड़ रुपये था, जबकि दिसंबर तिमाही में यह घटकर 59 करोड़ रुपये रह गया।
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तिमाही प्रदर्शन में गिरावट के बावजूद मजबूत GOV
कंपनी ने अपने Zomato Q3 financial performance के दौरान बताया कि वह इस समय धीमी वृद्धि के दौर से गुजर रही है, जिसकी शुरुआत नवंबर के अंत से हुई थी। जोमैटो ने कहा, “हमारे 20%+ सालाना ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) वृद्धि के दीर्घकालिक मार्गदर्शन में भरोसा कायम है। इस दौरान कुछ समय उच्च और कुछ समय निम्न वृद्धि देखने को मिलेगी। वर्तमान में हम एक व्यापक धीमी वृद्धि के चरण में हैं, जो नवंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू हुआ। हालांकि, हमें जल्द ही सुधार की उम्मीद है और हम 20%+ सालाना वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं।”
Zomato Q3 2025 परिणाम: 57% गिरावट के बावजूद मजबूत भविष्य की रणनीतियाँ
कंपनी के ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) ने इस तिमाही में साल दर साल (YoY) 57% की बढ़ोतरी दर्ज की, जिससे यह आंकड़ा 20,206 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। तिमाही आधार पर भी GOV में 14% की वृद्धि हुई। फूड डिलीवरी से GOV में 17% की सालाना वृद्धि देखने को मिली, जबकि क्विक कॉमर्स में GOV ने 120% की तेज वृद्धि दर्ज की, जो कंपनी के इस क्षेत्र में निरंतर विकास और निवेश को दर्शाता है।
तेज निवेश के बावजूद फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स में सुधार
Zomato adjusted EBITDA इस तिमाही में 128% की प्रभावशाली वृद्धि के साथ बढ़ा, जिसमें खाद्य वितरण से संबंधित EBITDA मार्जिन में सुधार ने अहम भूमिका निभाई। फूड डिलीवरी मार्जिन 3% से बढ़कर 4.3% हो गया। हालांकि, तिमाही आधार पर एडजस्टेड EBITDA में 14% या 45 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई, जिसका मुख्य कारण क्विक कॉमर्स स्टोर नेटवर्क के विस्तार में कंपनी द्वारा किए गए तेज निवेश थे।
ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू और EBITDA में सुधार, निवेश के कारण घाटा
जोमैटो ने अपने क्विक कॉमर्स बिजनेस के विस्तार में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। इसके कारण क्विक कॉमर्स की तिमाही हानि में 95 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। कंपनी का मानना है कि यह निवेश दीर्घकालिक वृद्धि के लिए फायदेमंद साबित होगा।
तिमाही नतीजों के बाद शेयरों पर असर
Zomato revenue growth और तिमाही प्रदर्शन के बावजूद, जोमैटो के तिमाही नतीजों के बाद इसके शेयरों पर असर पड़ा। NSE पर जोमैटो के शेयर (Zomato Share Price) 7.21% गिरकर 230.75 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं। Zomato YoY growth के बावजूद, कंपनी ने अपनी रणनीति और मजबूत फंडामेंटल्स पर भरोसा जताते हुए 20%+ वार्षिक ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू वृद्धि का लक्ष्य बनाए रखा है।
बढ़ते निवेश और बाजार की धीमी रफ्तार के चलते, बनी रहेंगी अल्पकालिक चुनौतियां
Zomato ने स्वीकार किया है कि बढ़ते निवेश और बाजार की धीमी रफ्तार के चलते, अल्पकालिक चुनौतियां बनी रहेंगी। वित्त वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही में नेट प्रॉफिट में गिरावट के बावजूद, राजस्व और ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू में हुई वृद्धि से यह स्पष्ट है कि कंपनी का दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है। क्विक कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में आक्रामक निवेश और फूड डिलीवरी में सुधार की कोशिशें भविष्य में जोमैटो को और अधिक मजबूती प्रदान कर सकती हैं।