Buxar Businessman Suicide: बक्सर जिले के डुमरांव नगर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। जवाहर मंदिर इलाके में एक प्लाई व्यवसायी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान 55 वर्षीय सुनील कुमार चौरसिया के रूप में हुई है। इस घटना से उनके परिवार और आसपास के लोगों में गहरा दुख है।
Buxar Businessman Suicide Case: बेटी ने बताई कर्ज में डूबने की वजह
मृतक की बेटी सुमेधा चौरसिया ने बताया कि उनके पिता काफी समय से मानसिक तनाव में थे। तीन साल पहले उनकी मां का निधन कैंसर की वजह से हो गया था, जिसके बाद उनके पिता कर्ज में डूब गए थे। धीरे-धीरे आर्थिक संकट बढ़ता गया, जिससे उनके पिता मानसिक रूप से टूटते चले गए। परिजन यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर उन्होंने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया।
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पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शुरू की जांच
इस घटना (Buxar Businessman Suicide) की जानकारी मिलते ही डुमरांव नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और कानूनी प्रक्रिया पूरी की। वहीं, फॉरेंसिक साइंस लैब की टीम भी मौके पर पहुंची और आत्महत्या के कारणों की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
परिवार में शोक की लहर
सुनील कुमार चौरसिया के आत्महत्या करने की खबर से उनके परिवार में मातम पसरा हुआ है। आसपास के लोग भी इस घटना से स्तब्ध हैं। कर्ज में डूबे होने की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया या कोई और वजह थी, यह पुलिस जांच के बाद ही साफ हो पाएगा। फिलहाल, उनके परिवार के सदस्य सदमे में हैं और इस हादसे को लेकर कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं।
आत्महत्या के बढ़ते मामले चिंता का विषय
बक्सर जिले में आर्थिक तंगी और कर्ज के कारण आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि मानसिक तनाव और आर्थिक संकट लोगों को गंभीर कदम उठाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर समय रहते मानसिक तनाव को दूर करने के प्रयास किए जाएं और सही परामर्श मिले, तो इस तरह की घटनाओं को टाला जा सकता है।
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आत्महत्या रोकथाम के लिए क्या करें?
खुलकर बातचीत करें – यदि कोई व्यक्ति तनाव में है, तो परिवार और दोस्तों से बात करना बेहद जरूरी है।
आर्थिक प्रबंधन करें – कर्ज से बचने और वित्तीय संकट से निपटने के लिए सही योजना बनानी चाहिए।
मनोवैज्ञानिक सहायता लें – अगर मानसिक तनाव बढ़ रहा है, तो किसी विशेषज्ञ या काउंसलर से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।
समाज को जागरूक करें – लोगों को जागरूक करना जरूरी है कि आत्महत्या कोई समाधान नहीं, बल्कि संघर्ष करके समस्याओं से निकलना ही सही विकल्प है।