India-US Trade Deal 2025: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यापारिक तनाव को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। India-US Trade Deal 2025 को लेकर दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार समझौते (Mini Trade Deal) पर सफलतापूर्वक बातचीत हो चुकी है। यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी द्वारा साझा की गई, जिसने साफ किया कि भारत ने इस पूरी प्रक्रिया में अपने हितों से कोई समझौता नहीं किया।
अमेरिका के दबाव के बीच भारत की सख्ती बनी समझौते की नींव
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के दौरान कई सप्ताहों तक गहन बातचीत चली। इस बातचीत में भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि वह अमेरिकी दबाव में नहीं झुकेगा। एक अधिकारी ने बताया कि यदि अमेरिका कड़ा रुख अपनाता, तो भारत India US Tariff के प्रभाव को झेलने के लिए तैयार था। लेकिन वाशिंगटन ने सकारात्मक रवैया अपनाया, जिससे डील को आगे बढ़ाया जा सका।
आधिकारिक घोषणा का इंतज़ार, लेकिन संकेत हैं बेहद मजबूत
फिलहाल भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील की कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सरकार के विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि यह डील तय मानी जा रही है। माना जा रहा है कि इसकी घोषणा कुछ ही घंटों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की जा सकती है।
किन सेक्टर्स को मिलेगा भारत अमेरिका व्यापार समझौता से सीधा फायदा?
यह सीमित व्यापार समझौता कुछ खास सेक्टर्स पर केंद्रित होगा। अमेरिकी पक्ष चाहता है कि भारत अपने बाजार को मक्का और कुछ फलों के लिए खोले। इस पर बातचीत जारी है। हालांकि भारत अभी भी कृषि और डेयरी क्षेत्रों को लेकर सतर्क है, क्योंकि इन क्षेत्रों में भारत की घरेलू नीति काफी संवेदनशील है।
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील के संभावित फायदे:
- टैरिफ संबंधी विवादों में राहत
- भारतीय बाजार में कुछ अमेरिकी उत्पादों की एंट्री
- तकनीकी और कृषि सेक्टर में सहयोग की संभावना
समयसीमा खत्म होने से पहले बनी सहमति, भारत की रणनीतिक जीत
इस डील की बातचीत तब और तेज हुई जब यह स्पष्ट हुआ कि India US Tariff की पारस्परिक समयसीमा बुधवार को समाप्त हो रही है। दरअसल, अमेरिका ने इस साल 2 अप्रैल को भारत समेत कई देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसके तहत भारत पर 26% अतिरिक्त शुल्क लगाया गया था। यह टैरिफ अस्थायी रूप से 90 दिनों के लिए निलंबित किया गया था।
भारत ने लगातार इस अतिरिक्त शुल्क को पूरी तरह हटाने की मांग की थी। इस मुद्दे पर सहमति न बनने की स्थिति में व्यापार तनाव और बढ़ सकता था, इसलिए समयसीमा समाप्त होने से पहले समझौता करना दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद रहा।
भारत और अमेरिका के लिए कितना अहम है यह समझौता?
India-US Trade Deal 2025 को केवल एक मिनी डील कह देना इसे कमतर आंकना होगा। यह समझौता दोनों देशों के बीच भविष्य में होने वाली व्यापक व्यापार डील की नींव रख सकता है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि अमेरिका और भारत दोनों ही एक-दूसरे के साथ दीर्घकालिक व्यापारिक साझेदारी के इच्छुक हैं।
आर्थिक मामलों के जानकारों का मानना है कि यह समझौता भले ही सीमित दायरे में है, लेकिन इसका प्रभाव बड़ा हो सकता है। इससे निवेशकों और कारोबारियों के बीच विश्वास बढ़ेगा। साथ ही यह भी स्पष्ट संदेश जाएगा कि भारत और अमेरिका अपने व्यापारिक मतभेदों को बातचीत से सुलझाने को प्राथमिकता देते हैं।
साझेदारी की दिशा में बढ़ा भरोसेमंद कदम, भारत-अमेरिका संबंधों को मिलेगी नई रफ्तार
भारत अमेरिका व्यापार समझौता सिर्फ एक समझौता नहीं, बल्कि व्यापारिक विश्वास का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि दोनों लोकतंत्र व्यापार के क्षेत्र में सहयोग और सहमति की भावना से आगे बढ़ना चाहते हैं। अब देश की नजरें इस डील की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं, जो भारत-अमेरिका रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ सकती है।
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