Sharda Sinha Death: नमस्कार दोस्तों, जैसा कि बिहार की कोकिला कही जाने वाली लोक गायिका और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा का मंगलवार को दिल्ली के एम्स में निधन (Sharda Sinha Death) हो गया। ऐसे में उनके प्रशंसकों के बीच उनके देहांत को लेकर अब सवाल उठ रहा है कि आखिर कैसे इतनी जल्दी शारदा सिन्हा इस दुनिया से चली गई, लोग उनके मृत्यु के कारण को जानने के लिए काफी चिंन्तीत हो रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर किन कारणों से सारदा सिन्हा कि मृत्यु हुई है।
गंभीर बीमारी का शिकार हो चुकी थीं शारदा सिन्हा
अब जैसा कि हम सब जानते हैं की लोक गायिका शारदा सिन्हा, काफी लंबे समय से बिमार थीं। दरसल सारदा सिन्हा एक गंभीर बीमारी का शिकार हो चुकी थीं। रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें मल्टीपल मायलोमा नाम के बीमारी ने अपना शिकार बना लिया था। अब अगर आपको इस बीमारी के संदर्भ में नहीं पता तो बता दें कि मल्टीपल मायलोमा, एक तरह के कैंसर कि ही प्रजाति है, जो व्यक्ति के खुन में फैलता है। साधारण शब्दों में समझें तो यह एक ब्लड कैंसर है। वहीं इस बिमारी को देखते हुए, उन्हें दिल्ली में मौजूद एम्स के कैंसर विभाग में भर्ती कराया गया था।
Sharda Sinha Death: ब्लड कैंसर के कारण नहीं हुवा है सारदा सिन्हा का निधन
मगर हाल ही में जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, सारदा सिन्हा का निधन (Sharda Sinha Death) ब्लड कैंसर के कारण नहीं हुवा है। दरसल नई दिल्ली के जिस एम्स हास्पिटल में सारदा सिन्हा भर्ती थीं, उस हास्पिटल के डाक्टर ने एक बयान में कहा कि शारदा सिन्हा का निधन सेप्टीसीमिया (septicemia) नाम के बिमारी के कारण हुआ है।
ऐसे में आपको बता दें कि, सेप्टिसीमिया एक बेहद गंभीर तरह कि बीमारी है। जानकारी के मुताबिक, इस बिमारी में शरीर की कार्य करने की क्षमता किसी संक्रमण के कारण बाधित होती है, जिससे रक्त में विषैले पदार्थों का स्तर तेजी से बढ़ जाता है। डॉक्टर के मुताबिक सेप्टिसीमिया बिमारी में व्यक्ति के शरीर का रक्त एक तरह से जहरीला हो जाता है। इसके बाद जब हानिकारक बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करते हैं, तो संक्रमण विकसित होता है।
बेहद खतरनाक होता है सेप्टीसीमिया संक्रमण
आपको बता दें कि सेप्टिसीमिया बिमारी स्वस्थ लोगों की तुलना में, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को होने की अधिक संभावना होती है। इस संदर्भ में विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे लोग जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं या किसी बीमारी का इलाज करा रहे हैं, उनमें सेप्टिसीमिया (septicemia) विकसित होने का संभावना बेहद ज्यादा होता है।
बता दे की सेप्टीसीमिया संक्रमण बेहद खतरनाक होता है, क्योंकि इस बिमारी के कुछ ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं जिनमें, उनपर दवाओं का भी असर नहीं होता है। दरअसल विश्लेषकों का कहना है कि सेप्टीसीमिया (septicemia) के बैक्टीरिया लगातार ताकतवर होते जाते हैं, जिस से कि वह दवाओं और अन्य किसी भी तरह के इलाज के लिए सुरक्षा कवच विकसित कर लेते हैं।
Symptoms of Septicemia: बेहद जानलेवा बीमारी है सेप्टीसीमिया
विश्लेषकों के अनुसार, सेप्टीसीमिया (septicemia) एक बेहद जानलेवा बीमारी है। दरसल इसमें मरीज के दिल की धड़कन काफी तेज़ हो जाती है, इसके अलावा पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है और उन्हें काफी तेज बुखार भी होता है।जानकारों के मुताबिक septicemia के तीन चरण होते हैं। जिनमें से पहले चरण में संक्रमित व्यक्ति के शरीर में सूजन आने लगती है।
जबकि दूसरे चरण में सूजन और संक्रमण के कारण शरीर में खुन का बहाव धीमा पड़ जाता है। और आखिर में तीसरी यानी अंतिम चरण में व्यक्ति के शरीर के अंग धीरे-धीरे विफल हो जाते हैं या फिर एक बार में कई शारीरिक अंग काम करना बंद कर देते हैं। डॉक्टर का कहना है कि ऐसी स्थिति में व्यक्ति के मस्तिष्क में क्षति और दिल का दौरा पड़ता है।
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