Zero GST Slab: आम लोगों को मिलेगी बड़ी राहत, बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी होगा कम; जाने किन चीजों पर अब नहीं लगेगा टैक्स
Zero GST Slab: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में जीएसटी काउंसिल एक बड़े फैसले की तैयारी में है। खबर है कि कई रोजमर्रा की ज़रूरी वस्तुओं को Zero GST Slab में लाने पर विचार चल रहा है। इसका सीधा मतलब है कि आम लोगों की थाली और जेब दोनों को राहत मिल सकती है। बता दें कि सरकार इस कदम को महंगाई पर काबू पाने और लोगों को रोजमर्रा की ज़रूरी चीज़ें सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठा सकती है।
क्या है पूरा मामला?
बिज़नेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, GST Council महंगाई से जूझ रही जनता को राहत देने के लिए शून्य टैक्स स्लैब (Zero GST Slab) का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही है। दरसल अभी तक कई रोज़मर्रा की वस्तुओं पर 5% से 18% तक टैक्स वसूला जाता है, लेकिन नई योजना के तहत इन्हें शून्य टैक्स श्रेणी में लाया जा सकता है। अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो UHT दूध, प्री-पैक्ड पनीर, पिज़्ज़ा ब्रेड, खाखरा, चपाती, रोटी और यहां तक कि पराठा-परोटा पर भी कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
अधिकारियों के हवाले से आई रिपोर्ट के मुताबीक सरकार का मकसद सिर्फ टैक्स घटाना नहीं बल्कि पूरे Indirect Tax System को ज्यादा सरल और पारदर्शी बनाना है। दरसल अभी अलग-अलग जीएसटी स्लैब की वजह से कई बार यह विवाद उठता है कि कौन-सी वस्तु किस श्रेणी में आएगी, जिससे कारोबारियों और ग्राहकों दोनों को परेशानी होती है। ऐसे में अगर Zero GST Slab का दायरा बढ़ता है तो टैक्स स्ट्रक्चर आसान होगा, महंगाई पर सीधा असर पड़ेगा और छात्रों की पढ़ाई का खर्च भी कम होगा।
Zero GST Slab: किन वस्तुओं पर मिल सकती है राहत?
GST Council की तैयारी से साफ है कि राहत की लिस्ट सिर्फ खाने-पीने की चीज़ों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि शिक्षा से जुड़े सामान को भी इसमें शामिल किया जाएगा। संभावित सूची में सबसे पहले दैनिक खाद्य वस्तुएं जैसे UHT दूध, प्री-पैकेज्ड पनीर, पिज़्ज़ा ब्रेड, खाखरा, चपाती और रोटी का नाम है। वहीं, डायरी और अन्य सामान जैसे मक्खन और कंडेन्स्ड मिल्क पर भी टैक्स खत्म करने की सिफारिश हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से छोटे व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी।
इतना ही नहीं, पैक्ड फूड प्रोडक्ट्स जैसे जैम्स, मशरूम, डेट्स, नट्स और नमकीन, जिन पर अभी 12% जीएसटी लगता है, उन्हें भी Zero GST Slab में लाने की संभावना है। खास बात है कि बच्चों की पढ़ाई से जुड़े नक्शे, एटलस, ग्लोब, पेंसिल शार्पनर, क्रेयॉन, पेस्टल, ड्रॉइंग चारकोल, प्रैक्टिस नोटबुक, ग्राफ बुक और लैब नोटबुक को भी इस दायरे में लाया जा सकता है। इससे छात्रों और अभिभावकों को सीधे तौर पर आर्थिक राहत मिलेगी और शिक्षा खर्च कम होगा।
आम जनता के लिए बड़ी राहत
बहरहाल अगर ये बदलाव लागू होता है तो निश्चित तौर पर आम लोगों को सीधी राहत मिलेगी। रोज़ाना इस्तेमाल की चीज़ें सस्ती होंगी, खाने-पीने का खर्च घटेगा और बच्चों की पढ़ाई का बोझ हल्का होगा। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि काउंसिल अंतिम फैसला कब और कैसे लेती है। क्योंकि GST Council की बैठकों में अक्सर राज्यों और केंद्र के बीच लंबी चर्चाएं होती हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार सरकार ने महंगाई से राहत देने के लिए टैक्स स्लैब में बदलाव किए हैं। लेकिन इस बार जो तैयारी है, वह सीधे आम आदमी की रसोई और बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी है।